संपूर्ण विश्व में एकमात्र जैन धर्मं ही इस बात में आस्था रखता हैं की प्रत्येक आत्मा में परमात्मा बनने की शक्ति विद्यमान हैं. अर्थात भगवन महावीर स्वामी की तरह ही प्रत्येक व्यक्ति जैन धर्मं का ज्ञान प्राप्त करके उसमे सच्ची आस्था रखकर, उस अनुसार आचरण (कर्म) करके बड़े पुण्योदय से उसे प्राप्त दुर्लभ मानव योनी का ‘एक मात्र सच्चा व अंतिम सुख’ संपूर्ण जीवन जन्मा-मरण के बंधन से मुक्त होने वाले कर्म करते हुए मोक्ष महाफल पाने हेतु कदम बढ़ाना तथा उसे प्राप्त कर वीर महावीर बन दुर्लभ जीवन की सार्थक कर सकता है

जियो और जीने दो : भगवन महावीर स्वामी द्वारा इस सन्देश में संपूर्ण जैन धर्मं का आधार व्यक्त किया गया हैं.

भगवान महावीर स्वामी ने हमें अहिंसा का पालन करते हुए सत्य के पक्ष में रहते हुए किसी के हक को मारे बिना किसी को सताए बिना, अपनी मर्यादा में रहते हुए पवित्र मन से, लोभ लालच किये बिना, नियम से बंधकर सुख दुःख में समभाव में रहते हुए आकुल व्याकुल हुए बिना धर्मसंगत कर्म करते हुए ‘मोक्ष पद’ पाने की और कदम बढ़ते हुए दुर्लभ जीवन को सार्थक बनने का दिव्य सन्देश दिया हैं

क्या आपने वीर महावीर स्वामी बनने के पथ पर कदम बड़ा दिए हैं या यूँही दुर्लभ जीवन के बहुमूल्य पल गँवा रहे हो? जागो भाई जागो, फिर मौका मिले न मिले.

भगवान महावीर स्वामी की जन्म जयंती एक बार फिर हमें अपने ही कल्याण हेतु जगाने आ गयी है. हमें इसे बड़े धूम धाम हर्षोल्लास के साथ मानते हुए अपने कल्याण का सूत्रपात इस पावन पवित्र दिवस से प्रारंभ कर देना चाहिए.