भगवन महावीर स्वामी के अभिग्रह
- राजकुमारी हो
- बिकी हुई हो
- मस्तक मुंडा हो
- तीन दिन से भूखी हो
- एक पॉउ देहलीज के बाहर हो एक पॉउ देहलीज के अंदर हो
- हाथ में हथकड़ी हो
- पैरो में बैढी हो
- दिन का तीसरा प्रहर हो
- आखों में आंसू हो
- हाथ में सूपड़ा हो
- उड़द क बाक्ले हो
- अतिथि का रास्ता देख रही हो
- सफेद कच्छा पहना हो
प. पू. आचर्य भगवंत उमेश गुरुदेव के अभिग्रह
कोई संत पानी की भावना भावे तो नहीं तो ६ उपवास का पारणा करना
- सधवा स्त्री प्लेन साड़ी पहने हो
- द्वार पर हाथ में दूध का कटोरा ले कर खड़ी हो
- भावना भावे म.सा. पधारो
- ५ घर से ज्यादा नहीं जाना
- अभिग्रह फले तो ठीक नहीं तो तेला करना
उप प्रवक्तक देव श्री गुलाब मुनिजी म .सा. के अभिग्रह
- तीन पीढ़ी हाथ जोड़े सहित अर्थात – दादा दादी, पुत्र पुत्र बहू, पोता -पोता बहू
- ऐसे ६ लोग पारणा का कहे तो पारणा करूँगा, नहीं तो ४० दिन उपवास करूँगा. ३ दिन में ही योग जम गया.
- कोई गर्भवती बहन नंदी सुनाने की भावना भावे.
- कोई एक घर के तीन सदस्य जिन्हे प्रतिक्रमण कंठस्थ हो वे पारणा की विनती करे, कसरावद में फला
- बालकवाड़ा वाले ताराचंद सुदर्शन जी राहुल ने (४ पीठी ) फलाया I ९ उपवास का अभिग्रह था.